(संवाददाता)
ये मस्जिद के सामने “उनकी मां का ……” बजाना कौन सी धार्मिक स्तुति है? यह कौन सा मंत्र है? यह पद्धति किस ग्रन्थ में है? इसका पूजा पाठ, त्योहार या धर्म से क्या लेना देना है? यह करके हिन्दू धर्म बचाओगे राक्षसों?
सत्ता के पालतू डिजिटल दंगाई पूछते हैं कि हर हिन्दू त्योहार पर उपद्रव क्यों होता है? यह वीडियो उसी का जवाब है। आग खाओगे तो अंगार ही होगे। अगर अपनी आस्था, अपनी देवी, अपने देवता का इस्तेमाल दूसरों को गाली देने के लिए करोगे, तो तुम मानवता पर कलंक हो। तुम समाज के लिए जहर बन चुके हो।
यूपी के बाराबंकी में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान यह गाली बजाई जा रही है। यह भीड़ माता की मूर्ति और दशहरा जैसे पावन पर्व की आड़ में यह दुष्कृत्य कर रही है। अब मूर्ति विसर्जन पर भगवान् के शोभा यात्रा पर मुलायम अखिलेश योगी का गाना बजायेगे तो क्या होंगा।
आरोप है कि यात्रा को मस्जिद के बाहर रोककर आपत्तिजनक गाने चलाए गए। इस दौरान मस्जिद पर गुलाल फेंका गया। मामले में 3 गिरफ्तार हुए, 40 से ज्यादा पर FIR हुई है।
हिंदू युवकों को दंगाई भीड़ में बदला जा रहा है। वे हर त्योहार पर यही करते हैं। मस्जिद पर चढ़ जाना, मुसलमानों के घर में घुस जाना, कहीं भी हरा झंडा उतार कर भगवा फहराना, अखिलेश योगी मुलायम का गाना बजाना, उन्हें चिढ़ाना… यह सब धर्म की आड़ में हिंदुओं से करवाया जा रहा है। अगर कोई रोकता है तो दंगा होता है। इनका समर्थन करने वाले राक्षसों से पूछो कि यह करके वे कौन सी धार्मिक महानता हासिल करना चाहते हैं?
अगर आपका नवरात्रि, व्रत, पूजा और धर्म से थोड़ा भी वास्ता होगा तो आपको शर्म आएगी कि आपकी आस्था को दंगे का औजार बना दिया गया है।
खतरा मुसलमानों से नहीं, उन सियासी खूंखार जानवरों से है जो आपके धर्म को कलंकित कर आपके बच्चों को दंगाई बना रहे हैं।
(उनके शब्द यहां लिखने के लिए माफी चाहता हूं।)